दिल्ली के नांगलोई मार्केट में एक भी महिला शौचालय न होने से महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रोजाना सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और पुरुष इस नांगलोई बाजार में विभिन्न कार्यों के लिए आते है। लेकिन नांगलोई के मुख्य चौक पर शौचालय न होने की वजह से खासकर महिलाओं दिक्कतें का सामना करना पड़ता है।
नांगलोई की पंजाबी बस्ती मार्केट और जनता मार्केट में समस्याओं की वजह से दुकानदारों और ग्राहकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मार्केट एसोसिएशन और दुकानदारों का कहना है कि इतनी बड़ी मार्केट होने के बावजूद इसमें एक भी पब्लिक शौचालय तक की सुविधा नहीं है। हर रोज यहां पर हजारों की संख्या में लोग शॉपिंग के लिए आते हैं। ऐसे में पब्लिक शौचालय न होना लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है। नांगलोई की मार्केट सबसे पुरानी मार्किटो में से एक है। ज्यादातर महिलाओं के लिए सबसे अधिक पसंदीदा मार्केट है। महिलाओं के लिए जूलरी, साड़ी और रेडीमेड कपड़ों के सबसे अधिक ग्राहक यहां पर आते हैं। लेकिन महिलाओं के लिए एक अलग से पब्लिक शौचालय का होना बेहद जरूरी है। काफी बार नगर निगम से मांग की गई, लेकिन यह मांग अभी तक अधूरी ही है। वहीं मार्केट के आसपास सड़क तक लगने वाले अतिक्रमण की वजह से मार्केट में आने जाने तक की जगह नहीं बचती है।
मार्केट के प्रेसिडेंट आलोक जैन बताते हैं कि अतिक्रमण की वजह से मार्केट में गाड़ी तक नहीं आ सकती। कुछ दिन पहले ही मार्केट की एक दुकान में भयंकर आग लग गई थी। आग बुझाने के लिए फायर बिग्रेड की गाड़ी को कड़ी मुश्किलों से सामना करना पड़ा था। अतिक्रमण की वजह से मार्केट के आसपास बाहर सड़क पर बड़ी संख्या में लोग एक दूसरे को धक्का मारते है। मार्केट में आने वाले लोगों के साथ चेन स्नैचिंग, मोबाइल स्नैचिंग आए दिन होती रहती हैं, जिसकी कई बार पुलिस को शिकायत दर्ज भी की गई। लेकिन इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अतिक्रमण की वजह से आसपास बड़ी संख्या में जाम लग जाता है। और देखते ही देखते रोड़ों तक पहुंच जाता है।
मार्केट में आने वाले ग्राहकों के लिए पार्किंग की जगह भी नहीं है। दुकानदारों का कहना है कि बदलाव के लिए नगर निगम को पैसे दिए गए। पार्किंग की जगह नहीं है। मार्केट के अंदर ही सारा काम चल रहा है। जिसकी वजह से व्यापार पर बुरा असर पड़ रहा है। मार्केट के अंदर से ही फ्लाइओवर बनाने का काम चल रहा है, लेकिन यह काम बेहद धीमी गति से हो रहा है। काम शुरू हुए काफी समय बीत गया। लेकिन काम अभी भी पूरा नहीं हो पाया है। मार्केट के बीचों-बीच बैरिकेड लगा कर काम किया जा रहा है, जिसकी वजह से मार्केट में काफी कम जगह बची है। मार्केट के पास में एक पुलिस स्टेशन हैं। इसके बावजूद अतिक्रमण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। अधिकारियों को भी जाम में फस कर खड़ा रहना पड़ता है। मार्केट में आना और निकल पाना बहुत ही मुश्किल है।
अरुण का कहना है।
पूरे मार्केट में एक ही पब्लिक शौचालय था। वह भी कंस्ट्रक्शन के कामों के बीच दब गया। लंबे समय से महिलाओं के लिए शौचालय की मांग की है।
मुकुल का कहना है।
हजारों की संख्या में दुकानों में ग्राहकों का आना-जाना होता है। मूलभूत सुविधाओं के नाम पर मार्केट में कुछ नहीं है।
Write a comment ...