दिल्ली के पटेल नगर में बढ़ती पानी की समस्या

दिल्ली के पटेल नगर क्षेत्र में पानी की समस्या पिछले कई समय से बनी हुई हैं। लोगों का कहना है कि केजरीवाल सरकार के बने हुए 8 साल हो गए है। लेकिन यहां की परेशानी पानी को लेकर जस की तस बनी हुई हैं। इसके बावजूद इलाके के साथ कुछ कदम भी नही उठाए जा रहे हैं।

पटेल नगर क्षेत्र में जगह-जगह कई इलाकों में पानी की मात्रा काफ़ी कम है। लेकिन पटेल नगर क्षेत्र के फरीद पुरी इलाके में पानी की एक बड़ी गंभीर समस्या है। अरविंद केजरीवाल सरकार को 8 साल से ऊपर हो गए हैं। लेकिन यहां के हालात अब भी सुलझाए नहीं गए है। पटेल नगर के हर गली में पानी की कम मात्रा कम है। इसके बावजूद भी यहां पर लोग पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। लोगों का आरोप है कि उन्हें पानी की एक सबसे बड़ी परेशानियों से जूझना पड़ता है। और साइकिल से दूसरे इलाकों से पानी भरकर लाना पड़ता है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बड़े-बड़े वादे किए थे और उन्हीं बातों को लेकर हमने वोट दिया था। लेकिन आज हमारी समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जब इसकी शिकायत लेकर लोग विधायक के दफ्तर में जाते है। तो उनकी सुनवाई नहीं होती है।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां पर वह पिछले 20-25 साल से तो, कोई 30 सालों से रह रहा है। लेकिन यहां की समस्याओं को अभी तक पूरी तरह से समाधान नहीं किया गया है। कांग्रेस की सरकार दिल्ली में रही है। लेकिन अब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है। तो इस सरकार को भी 8 साल से अधिक का समय हो गया। आज तक इस इलाके की कोई तस्वीर नहीं बदली है। पानी के अलावा सड़कों की हालत भी खराब है। स्थानीय विधायक हमारे यहां पर हो कुछ काम नहीं किया है। ना ही हमारी पानी के समस्याओं को दूर किया है। हमारी दिल्ली सरकार और दिल्ली के मुख्यमंत्री से मांग है कि हमें साफ और स्वच्छ पानी उपलब्ध कराए।

कुछ लोगों ने पानी से संबधित परेशानीयों को विस्तार रूप से बताया है।

उसी क्षेत्र के रहने वाले एक निवासी का कहना है।

समय की बचत नहीं हो पाती थी। शरीर की ताकत बिल्कुल खत्म हो जाती थी। और पानी खरीदने के लिए उसके लिए पैसे का ज़्यादा इस्तमाल होता था। घर के बर्तन धोने के लिए पानी बाहर से लाना पड़ता था। और घर का सारा काम रुक जाता था। पानी न होने की वजह से।

उसी क्षेत्र की रहने वाली माही का कहना है।

पानी सुबह के समय थोड़ी देर के लिए आता था। और पानी कभी कभी गंदा भी आता था। और हमें पानी लेने के लिए दूसरे घरों में भी जाना पड़ता था। घरों में साफ़ सफाई नहीं रहती थीं। पौधो में पानी डालने में दिक्कत आती थी। और पीने के लिए पानी भी बाहर से मंगवाना पड़ता था। व्हाट्सएप पर एक समूह भी बनाया गया था। जिसमे पानी को लेकर विचार विवरण होता था।

होली से पहले पानी की समस्या थी। उस समय अंकुश नारंग नामक एक कार्यकर्ता आया था। उसने हमें पानी की समस्या का आश्वासन दिया। की हम तुम्हे पानी पहुंचा देंगे। लेकिन उन्होंने हमारी सहायता नहीं करी।

उसी क्षेत्र में रहने वाली एक महिला का कहना है।

ज्यादातर पानी का प्रेशर नीचे के घरों में ज़्यादा आता था। और ऊपर के घरों में कम आता था। सुबह के चार बजे पानी आता था। कभी कभी मैं अपनी दुकान का काम छोड़ कर पानी भरने के लिए शाम को 5 बजे घर आती थी। कभी कभी पानी लेने के लिए पड़ोसी की दुकानों पर भी जाना पड़ता था।

90 साल की कृष्णा कहती है।

मेरी उम्र ज़्यादा होने के कारण मुझे पानी भरने के लिए नीचे ऊपर करना पड़ता था। मेरे कमर और जोड़ो मे ज्यादा दर्द होता था।

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